Monday, July 29, 2013

{ ६४१ } {July 2013}





फ़र्दे-इश्क पर आँसू के दो बूँद, यादों का गुलदस्ता रखकर
आज बिलख-बिलख कर दे गई, वो गम का नया उपहार।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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