Tuesday, July 30, 2013

{ ६४९ } {July 2013}





सोमरस से लिखा हो जिसे विधि ने
रूप-लावण्य का वह निबन्ध हो तुम
उजले-खिले चाँद की मस्त रातों में
मदमस्त चाँदनी का प्रबन्ध हो तुम।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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