Thursday, September 22, 2022

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जीवन का यह ढब अच्छा है 
जो कुछ भी है सब अच्छा है 
हँसते-हँसते काटो ये जीवन 
रोना-धोना कब अच्छा है।। 

.. गोपाल कृष्ण शुक्ल 

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