Sunday, September 18, 2022

{९३२ }




लाख रहे शहरों में फिर भी अंदर से देहाती हूँ 
दिल भी थोड़ा बच्चा है औ' थोड़ा जज्बाती हूँ। 

.. गोपाल कृष्ण शुक्ल 

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