Wednesday, September 28, 2022

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ब्रह्म सत्य है केवल, बाकी जग सब मिथ्या पाया,
ब्रह्म-स्वरूप जीव को हर पल नचा रही है माया। 

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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