Wednesday, November 16, 2022

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शायद वो आसमान का आवारा बादल था 
जो मेरे अश्क लेकर मुझको प्यास दे गया। 

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल 





ढ़ल रहा है देखो आफताब 
कुछ तू भी कमा ले सवाब 
बाद कयामत के एक दिन 
खुदा करेगा तेरा भी हिसाब। 

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल 





अब ख्वाबों के हो गए हो तुम 
मेरी पलकें भिगो गए हो तुम 
क्यों हर किसी की आँखों में 
अपने आँसू पिरो गए हो तुम। 

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल 





अपनों को फुरसत नहीं गैरों को क्या सरोकार 
ज़िन्दगी बन कर रह गयी बस एक कारोबार। 

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल 





तेरे खातिर ही ये खता हुई हमसे 
बस तुझे ही अपना खुदा बनाया। 

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल 

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