Thursday, December 22, 2011

{ ११६ } {Dec 2011}







दूर तक है बेबसी अँधेरे की
हर तरफ़ रात की उदासी है
माटी का यह दिया जिसमे
रोशनी तो फ़कत जरा सी है ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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