Saturday, April 13, 2013

{ ५२९ } {April 2013}





कर दिया तेरी नजरों ने आवारा मिजाज
दिल की धडकने मधुर गीत बन गयीं हैं
छू के आती है जो तुम्हारे नर्म जिस्म को
वो खुशनुमा हवायें अब मीत बन गयी हैं।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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