Wednesday, October 8, 2014

{ ७९७ } {Sept 2014}





जैसे - तैसे कट जाती है रात की खामोशी
बड़ा जानलेवा होता है मरघट का सन्नाटा।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment