Wednesday, October 8, 2014

{ ७९६ } {Sept 2014}






इसी तरह तुम अगर मुझे चाहते रहे
मेरी तनहाइयाँ मुझे आजाद कर देंगीं।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment