Wednesday, October 1, 2014

{ ७६६ } {May 2014}





देखता हूँ. जब तुमको. दिल को. सुकून. मिल. जाता है
मेरे गीतों को. गज़लों को. नया मजमून. मिल जाता है
तस्सवुर. में निहारता हूँ. जब भी. तेरे जमाले हुस्न को
बेचैनियों से भरे मेरे दिल को चैनो-जुनून मिल जाता है।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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