Monday, February 13, 2012

{ १६० } {Feb 2012}






अपनी इन चंद पंक्तियों में सजाकर मैं
जन-जन की बेबसी का पयाम लाया हूँ
फ़रेबी राजनैतिग्यों के नाम आज देखो
जन-जन के आँसुओं का सलाम लाया हूँ ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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