Friday, February 10, 2012

{१४७ } {Feb 2012}





ज़िन्दगी में आकर रंग भर दो तुम
इस ज़िन्दगी का हर वरक सादा है
आकर मुझको कुछ तो प्यार दे दो
मेरा दामन-ए-दिल बहुत कुशादा है ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment