Saturday, February 11, 2012

{ १५६ } {Feb 2012}





देश-प्रेम के आज नये अर्थ हो गये
चारो ओर फ़ैला है काला सा प्रकाश
पास हो कर भी दूर है प्रेमोल्लास
देश-प्रेम के गीत सब व्यर्थ हो गये
देश-प्रेम के आज नये अर्थ हो गये ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल


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