Thursday, February 23, 2012

{ १७९ } {Feb 2012}





रहा नही ईमान अब प्यार हुआ बाजार
अँधों की भीड में इश्क का होए व्यापार
क्रूरतम नजरें हुईं मुस्काने हुईं कुटिल
रेतीली जमीने बनी हैं प्यार का आधार ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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