Monday, May 14, 2012

{ २७६ } {May 2012}





लोगों के गैर - मुमकिन इरादों से
ज़िन्दगी भर लडता रहा, जीता भी
अब सिर्फ़ गुनगुनाता आग की धुन
मस्त-मलंगी में ज़िन्दगी जीता भी।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment