Saturday, May 26, 2012

{ २८४ } {May 2012}





व्यवस्था को बदलना है, बनी बैठी है जो विषधर
भटकते हैं अँधेरों में, नही मिलता है कोई अवसर
अगर चाहते कुछ करना, लगा दो आग कुछ ऐसी
न नेता मौज कर पायें, न जनता भूख से जाये मर।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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