पल्लव
Saturday, October 8, 2011
{ १३ } { October 2011 }
दुनिया नें जाने क्यों मुझसे मिलना-जुलना छोड दिया,
क्या करता, मैने भी अपना गुलजार मरहला छोड दिया।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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