पल्लव
Monday, October 17, 2011
{ २७ } { October 2011 }
जिनको विष के खिलाफ रहना था
वो तो उसी की नजर में ही रहता है
आजकल का अपना सपेरा ही देखो
इस नागिन के असर में ही रहता है ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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