पल्लव
Monday, October 17, 2011
{ २४ } { October 2011 }
आज हरतरफ है बहार की खुशबू
है हमारा हर प्रियतम जिंदाबाद
कह रहा है चमन का हर एक फूल
यह दोस्ती का परचम जिंदाबाद||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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