पल्लव
Friday, October 21, 2011
{ ६० } {Oct 2011}
लौ भी न भयभीत हो गई होती
हार भी जीत में बदल गई होती
आप का प्यार मुझे मिला होता
जिंदगी गीत-संगीत हो गई होती ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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