Friday, October 21, 2011

{ ५६ } {Oct 2011}






तुमने आवाज दी मुझे जैसे
मेरी वंशी ही मुझे बजाती हो
तेरी चितवन मुझे लगी जैसे
मेरी कविता मुझे बुलाती हो ||

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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