पल्लव
Wednesday, October 19, 2011
{ ३७ } { Oct 2011 }
हर फूल तमन्नाओं का, प्यार की भेंट किया है
अपनी किस्मत के काँटों को मैंने चूम लिया है
कोई मेरी बात न समझे, मेरा दर्द न जाने कोई
सबको पीला अमृत, हमने हंसकर जहर पीया है ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment