पल्लव
Friday, October 28, 2011
{ ६७ } {Oct 2011}
जिन्दगी खुशनसीब लगती है
और बहुत ही करीब लगती है
पास होते हैं अब भी आप मेरे
मुझे जन्नत करीब लगती है ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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