पल्लव
Tuesday, October 18, 2011
{ ३३ } {Oct 2011}
उनकी नज़रों में रोब सत्ता का
पाँव रखे चाँदी में हाथ सोने में
अब पाप आसीन है बुलंदी पे
और पुन्य सहमा सा है कोने में ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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