पल्लव
Friday, October 7, 2011
{ १२ } { October 2011 }
बाढ पर जब भी शबाब होता है
चढता हुआ सा माहताब होता है
उनके नयन क्यों नही कटीले हों
जिनका चेहरा ही गुलाब होता है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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