पल्लव
Monday, October 17, 2011
{ ३१ } { October 2011 }
चाहे जितनी मजलूम हो जनता
उसको पांवों की धुल मत समझो
चुभ भी सकता है सूख जाने पर
फूल को सिर्फ फूल मत समझो ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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