पल्लव
Friday, October 7, 2011
{ १० } { October 2011 }
कायनाते दिल मे गाता हुआ यह कौन चला गया,
हर तरफ़ तारे चमकाता हुआ यह कौन चला गया,
चारो तरफ़ फ़ूल बरसाता हुआ यह कौन चला गया,
अजनबी सा मुझे भरमाता हुआ ये कौन चला गया।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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