पल्लव
Wednesday, October 19, 2011
{ ४१ } {Oct 2011}
आँखों में काजल की नाजुक लकीर
शानो पर गेसुओं की लंबी जंजीर
खामोश लबों पर है तबस्सुम जैसे
सागर की लहरों पे उमडती तस्वीर ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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