पल्लव
Friday, October 21, 2011
{ ५३ } {Oct 2011}
याद से गाफिल तेरी मेरा कोई लम्हा न गया
डूबे उल्फत में, पर जीस्त में तनहा रहा गया ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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