पल्लव
Thursday, October 20, 2011
{ ४६ } {Oct 2011}
हम तो अपनी खुशी से मिलते हैं
आप खुशकिस्मती से मिलते है
आप की बेरुखी का ये है आलम
यो ही क्या हर किसी से मिलते हैं ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment