पल्लव
Wednesday, October 26, 2011
{ ६४ } {Oct 2011}
ये फकत कम नही है मोहब्बत के इस दौर में
वह हुस्न मालामाल है यह इश्क हुआ गरीब ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment