Monday, October 17, 2011

{ ३० } { October 2011 }







मेरे आगे है रंग सत्ता का
मेरे पीछे है व्यंग सत्ता का
आँसुओं से भरे कटोरों पर
बजता जलतरंग सत्ता का ||

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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