पल्लव
Thursday, October 20, 2011
{ ४४ } {Oct 2011}
मेरे नयनों में मुस्कुराता है
मेरे जीवन में जगमगाता है
मेरे प्राणों में गर तुम नहीं तो
कौन इस तरह गुनगुनाता है ??
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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