पल्लव
Tuesday, October 18, 2011
{ ३२ } { October 2011 }
यारों ! इस जलील हुकूमत का, ये यंत्र कैसा है, ये तंत्र कैसा है
जयकार हो जहाँ चरित्रहीनों की, यारों ! यह लोकतंत्र कैसा है ||
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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