Wednesday, October 26, 2011

{ ६५ } {Oct 2011}






ये निर्धन को, धनवान को राह दिखाती
ये हर तन को, हर जान को राह दिखाती
इस दिए की रोशनी है हर बशर के लिए
बनके रहबर हर इंसान को राह दिखाती ||

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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